pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

No Tobacco Day

1

शौक शौक में शौक शौक से खौफ़ से पाला पड़ जायेगा घना काला धुआं जिसको तुमने छुआ वश में इसके सब धुआं हो जाएगा सोच में डूबे हर कश को चूमे शरीर का हर पुर्जा हिल जाएगा आंकड़े तू देख ले अपने कल को ऊपर सेक ले ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Aditya Pulugundla
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है