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निस्वार्थ सेवा भाव

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परोपकार एक धनाढय सेठ था, पर था बड़ा कंजूस स्वभाव का। दान-पुण्य के लिए तो उसका हाथ कभी खुलता ही न था। उसके घर जो पुत्रवधू आयी वह बड़े कुलीन और सत्संगी घराने की थी। घर के संस्कारी माहौल और सत्संग में ...

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Rcm Vinod Nagal

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