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"निश्चित नहीं कुछ भी"

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निश्चित नहीं कुछ भी जिंदगी में सब अनिश्चित है। जनमना मरना उसकी है मरजी सुख की कलियां दुःख के कांटे समस्याओें के पहाड़ या सीधी डगर सब परिस्थितियों पर निर्भर हैं। कल क्या होगा किसको खबर आज के पल को जी ...