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निर्वासन

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निर्वासन:---- असहनीय पीड़ा से गुज़रते हुए श्रुति ने एक गहरी साँस ली ,और अब वह स्वयं को बहुत हल्का महसूस कर रही थी जैसे हवा में हो। लेकिन ये कैसे हुआ?कमरे से बाहर निकल कर उसने दूर-दूर तक नज़रें ...

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लेखक के बारे में
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Aasha Nashine

मैं छंद गीत ग़ज़ल और कविताएँ लिखती है और स्वरबद्ध भी करती हूँ।

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