गहन दर्द से स्तब्ध वो वहाँ बैठी थी, मस्तिष्क मानो सुन्न था, जीवन के सभी कार्यकलाप सामान्य रूप से चल रहे थे परंतु निष्प्राण से...जीवन, जीने का उत्साह, अपने होने का बोध सबकुछ मानो उसमें से निचोड़ लिया ...
सम्प्रति- अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी, देना बैंक। मैं एक पूर्णतः बधिर व्यक्ति हूँ लेकिन जीवन के इस शून्य को अपने रचनात्मक प्रयासों से भरने का नित प्रयास करती हूँ ।
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रिपोर्ट की समस्या
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