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निःस्वार्थ प्रेम

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राधा, जिसके जीवन का इकलौता मकसद उसका बेटा, रवि था, एक गाँव के छोटे से मकान में रहती थी। रवि के पिता का साया बचपन में ही उठ गया था, और तब से राधा ने ही उसे पाला था, अपनी हर खुशी को दाँव पर लगाकर। उसकी ...

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Sagar Kulkarni
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