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नेकी कर दरिया में डाल

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(1) "क्यों बाबू श्यामलाल जी! इसी को न कहते हैं 'नेकी कर दरिया में डाल।' एक दिन आप लोग मुझे ‘देवता’ की संज्ञा दे रहे थे और आज मैं आपलोगों के लिए ‘दानव’ बन गया। मेरी सहृदयता का अच्छा फल प्रदान किया आप ...