नारी तुम अवला नहीं, तुम होत शक्ति स्वरूप । ज्ञात करो कैसे कहाँ, भूली अपना रूप।। नर में कोई बल नहीं, बिन मात्रा बिन भार। आ ई की मात्रा लगी, होत हैं वजन दार। नर जहाँ मृत समान हैं, बिन मात्रा बिन भार। ...
नाम: गिरधारी लाल चतुर्वेदी
जन्म स्थान : मथुरा
व्यवसाय :नोकरी
विभाग : एकाउन्ट फाईनेन्स असिस्टेंट मेनेजर भुगतान विभाग
संसथान: मनीपाल होस्पीटल
आदतॆ: कृकेट खेलना , बचपन से कविता, व व्यंग लेखन, सामाजिक व राजनेतिक चिंतन ।
सारांश
नाम: गिरधारी लाल चतुर्वेदी
जन्म स्थान : मथुरा
व्यवसाय :नोकरी
विभाग : एकाउन्ट फाईनेन्स असिस्टेंट मेनेजर भुगतान विभाग
संसथान: मनीपाल होस्पीटल
आदतॆ: कृकेट खेलना , बचपन से कविता, व व्यंग लेखन, सामाजिक व राजनेतिक चिंतन ।
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