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मधु, कुटिली मुस्कान के साथ,....सोचती है। मुझे ऐसे क्यों भाभी इग्नोर(अनदेखा) करेगी। मैं भला कभी क्यों मायके में रहूंगी? पर आज रंजू के दिल से निकली बददुआ, सच हो गयी माँ। माँ ये मेरे ही कर्मों का फल है, ...