मुस्कराने के लिए गुनगुनाने के लिए कुछ सुकून ढूंढती हूं हमेशा सबको खुश करती हूं तो कुछ हसीन पल ढूंढती हूं ।। रोती हूं अकेले बैठ कर मन को हल्का कर लेती हूं मुस्कराने के लिए गुनगुनाने के लिए कुछ ...
अब अपने बारे में क्या बताऊं दोस्तो,
जो तुम समझो तो गहरे जज़्बात हू मैं
जो ना समझो तो कोरे अल्फ़ाज़ हूं मैं
अगर कुछ ना समझे तो गुमनाम हूं मै
सारांश
अब अपने बारे में क्या बताऊं दोस्तो,
जो तुम समझो तो गहरे जज़्बात हू मैं
जो ना समझो तो कोरे अल्फ़ाज़ हूं मैं
अगर कुछ ना समझे तो गुमनाम हूं मै
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बधाई हो! मुस्कराने के लिए
गुनगुनाने के लिए कुछ सुकून ढूंढती हूं
हमेशा सबको खुश करती हूं
तो कुछ हसीन पल ढूंढती हूं ।।
रोती हूं अकेले बैठ कर मन को हल्का कर ले प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।