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मूर्ख मित्र

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एक नगर में रहता राजा एक, राजमहल में पले थे पशु अनेक। उन सबमें था प्यारा एक जो बन्दर, करता था जो सेवा महल में रहकर।। एक दिन राजा कक्ष में लेटा, पंखे से बन्दर हवा था करता। तब आयी एक मक्खी सयानी, समझ ...

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लेखक के बारे में
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Shikha Verma

नारी तुम केवल वस्तु नही , हो अमर प्रेम की अमरकथा।। युग युग से जलती आई हो,अब बदलो अपनी करुण व्यथा।। मैं एक शिक्षिका,एक पत्नी,एक प्रेमिका,एक मां .... एक स्त्री हूं।।

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