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मुंह में राम बगल में छुरी

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जब से चाचा जी की बेटी की शादी से होकर आए हो तुम कुछ  उखडे हुए से हो ...सुनी हुई बातों को भी अनसुनी करके नीरज ऑफिस के लिए निकल गया ,क्या हुआ है ??? ये आजकल कोई बात सुनते ही नहीं , और अगर सुनते हैं तो ...

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वर्षा शर्मा

मैं वर्षा शर्मा हूं | डायरी के पन्नों को बस शब्दों में उतारा है |लिखना अच्छा लगता है कोई अगर आपके लिखे से प्रभावित हो तो और आगे बढ़ने का मन करता है

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