🔴🔵🟣🏵🟣🔵🔴 यहाँ कौन है, जो मस्ती में नहीं है; एक चिराग तक, बस्ती में नहीं है। किनारे पर बहुत सी कश्तियाँ हैं, एक भी पतवार, कश्ती में नहीं है। दिखावटी हस्तियां बिखरी पड़ी हैं, काबिलियत, एक ...
🔴🔵🟣🏵🟣🔵🔴 यहाँ कौन है, जो मस्ती में नहीं है; एक चिराग तक, बस्ती में नहीं है। किनारे पर बहुत सी कश्तियाँ हैं, एक भी पतवार, कश्ती में नहीं है। दिखावटी हस्तियां बिखरी पड़ी हैं, काबिलियत, एक ...