pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मुक्ति - मार्ग-मुक्ति - मार्ग

8388
4.6

सिपाही को अपनी लाल पगड़ी पर, सुन्दरी को अपने गहनों पर और वैद्य को अपने सामने बैठे हुए रोगियों पर जो घमंड होता है, वही किसान को अपने खेतों को लहराते हुए देखकर होता है। झींगुर अपने ऊख के खेतों को ...