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मुझे पागल बना दिया

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इश्क़ था वो हमारा,मुझे खुद में फना कर गया। दिन रात करता था बाते,लेकिन आज खफा हो गया। मेरे दिल में दबी उसके लिए कुछ अरमान है, मै तेरे सामने झुका और तू मेरा खुदा हो गया। तेरा इश्क़ मुझ पर कुछ इस कदर ...

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लेखक के बारे में

प्रद्युम्न शुक्ला जन्म_ 5 अक्टूबर 1998 ग्राम_ पुरेस्- वा पोस्ट_ मानिकपुर जनपद_जौनपुर दिल से शायर

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