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मिट्टी के शेर

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मिट्टी सारे मिट्टी ख़ाक दुनिया नश्वर आदमी फिर किसकी मैं किसके तुम कौन धर्म, कौन जाति मेरे हिस्से रब तेरे भगवन या हम-तुम बदले स्वजाति दरअसल तुम राक्षस मैं वहशी खूनी दोनों हिंसा-व्यापारी ...