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मित्रो मरजानी - पुस्तक समीक्षा

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हिंदी साहित्य में औरतें दबी कुचली ही नज़र आती है अलबत्ता वो कोई राजकुमारी या रानी हों तो बात अलग है वरनाआचार्य चतुरसेन की विमला हो या प्रेमचंद की पण्डताइन, औरतें कथाओं में मुख्य भूमिका में आ ही नहीं ...