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हिन्दी

मिटत न हिय का शूल

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4.5

मैं एक मरती हुई भाषा बोलती हूं (थी!) तुमने कहा था कि तुम कोई ऐसी भाषा जानते हो जो हमें हमारे गंवारूपन और उज्जडता से उबार ले जाएगी। और हम वो तमाम दूरियां लांघ आये जहां तक हमें विकास की दौड़ में पीछे ...