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" मेरी प्रिय सहेली "

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"हस्त लिखित पत्र " के अन्तर्गत एक पाती समर्पित उस बाल सखी के अनाम पते पर ... करीब ३६ सालों के बाद मिली थी वो फेसबुक के थ्रू। लेकिन अब जहाँ वो चली गई वहाँ से लौट कर आना है मुश्किल... यह ...

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लेखक के बारे में
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Seema Verma

✍️✍️ चेहरे पर चेहरे लगाए रहते हैं लोग और कहते हैं खुली किताब हूँ मैं 😊😊

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