ना जाने कितना संघर्ष किया , ना कितना त्याग ??? कभी किसी की बाते सुनी , तो कभी किसी का गुस्सा बरदाश्त किया फिर भी डरी नही , सहमी नही , पीछे हटी नही , आगे निरंतर बड़ी रही बड़ती रही। कभी किसी के कपड़ो ...
ना जाने कितना संघर्ष किया , ना कितना त्याग ??? कभी किसी की बाते सुनी , तो कभी किसी का गुस्सा बरदाश्त किया फिर भी डरी नही , सहमी नही , पीछे हटी नही , आगे निरंतर बड़ी रही बड़ती रही। कभी किसी के कपड़ो ...