जब जनाजा उठेगा मेरा तो मौत भी शर्माएगी,,, पूरी गली दुल्हन के जैसे सजी होगी,, मेरी मय्यत जब निकाली जायेगी,,,, बन कर रह जाऊंगी मैं वो याद तेरे जहन में जो कभी भी ना मिट पाऊंगी,,, जब उठायेगा तू जनाजा ...
जब जनाजा उठेगा मेरा तो मौत भी शर्माएगी,,, पूरी गली दुल्हन के जैसे सजी होगी,, मेरी मय्यत जब निकाली जायेगी,,,, बन कर रह जाऊंगी मैं वो याद तेरे जहन में जो कभी भी ना मिट पाऊंगी,,, जब उठायेगा तू जनाजा ...