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मेरी मर्जी

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दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी. महिलाओं के लिए सुरक्षित डिब्बा जहाँ आने वाला था वहाँ भी लाइन लगी हुई थी. मेट्रो के आते ही एक लड़के ने उस लाइन में आगे लगने की कोशिश की शायद वह महिलाओं के ...

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लेखक के बारे में

जन्म स्थान - नई दिल्ली, जन्म 20 दिसंबर 1973. शिक्षा - मोस्को स्टेट यूनिवर्सिटी मास्को से टीवी जर्नलिज्म में परास्नातक ( with honor ) स्कूलिंग - पिथौरागढ, रानीखेत (भारत ) वर्तमान निवास - लंदन (यूनाइटेड किंगडम) मातृभाषा - हिंदी कार्यानुभव - · भारत में एक टीवी चैनल (TVI) में असिस्टेंट न्यूज़ प्रोडूसर के तौर पर काम किया . · "रेडियो मास्को" में ब्रॉडकास्टर के रूप में कार्य · वर्तमान में लन्दन में स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन में साक्रिय. उपलब्धियां - · देश - विदेश के लगभग सभी मुख्य समाचार पत्र- पत्रिकाओं में आलेख एवं रचनाएं प्रकाशित · "लन्दन डायरी" नाम से दैनिक जागरण (राष्ट्रीय ) में दो वर्ष से अधिक तक नियमित कॉलम। · वर्तमान में "नवभारत" के अवकाश में "लंदन नामा" नाम से साप्ताहिक स्तम्भ। पुरस्कार / सम्मान - · भारतीय उच्चायोग लंदन द्वारा हिंदी पत्रकारिता में महत्व्पूर्ण योगदान हेतु "आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी मीडिया सम्मान" (2014) · - ABP News द्वारा सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान (2014) · हिंदी पत्रकारिता को समर्पित- श्री सत्यनारायण शुक्ल स्मृति प्रथम श्रम साधना सम्मान (2015 लखनऊ ) · प्रकाशित पुस्तक -यात्रा संस्मरण/ - "स्मृतियों में रूस" के लिए जानकी बल्लभ शास्त्री साहित्य सम्मान" (2012) · साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान 2009,2010 - यात्रा वृतांत के लिए एवं संवाद सम्मान द्वारा संस्मरण के लिए वर्ष की श्रेष्ठ लेखिका सम्मान. प्रकाशित पुस्तक - · यात्रा संस्मरण/- "स्मृतियों में रूस "(डायमंड बुक्स -2012) · "मन के प्रतिबिम्ब" प्रकाशित काव्य संग्रह। ( सुभांजलि प्रकाशन - 2013) अन्य गतिविधियाँ - · लंदन में वातायन एवं हिंदी समिति संस्थाओं की सक्रीय सदस्य। · लंदन से निकलने वाली एकमात्र हिंदी साहित्यिक पत्रिका "पुरवाई" के संपादक मंडल में स्थान। · 2009 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों में भागीदारी और वक्तत्व. · यू के एवं भारत में कई काव्य पाठ में भागेदारी। · यू के में होने वाली हिंदी भाषा सम्बन्धी प्रतियोगिताओं में निर्णायक के तौर पर उपस्थिति। · लंदन में नेहरू सेंटर के कार्यक्रमों में सक्रीय सहयोग व भागेदारी। · लोकप्रिय ब्लॉग "स्पंदन" .

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Gupta Rachna
    13 डिसेंबर 2017
    बहुत खूब कहा है आपने जो लिखा पता नहीं क्यों मुझे भी अपनी स्वेच्छा से अपना जीवन यापन करने का प्रयास करना चाहिए और क्या नहीं हो सकता है लेकिन काफी हद तकसही कायदे से अपना काम करने में भी मुझे बहुत अच्छा लगता है
  • author
    Ok Rinku Jaanu
    14 फेब्रुवारी 2017
    अच्छी सीख मिली
  • author
    Om Sai Play School
    22 एप्रिल 2020
    बिल्कुल सही बात है।आज़ादी का अर्थ ये नही है कि हम कुछ भी करे । हर आज़ादी के साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी रहती है
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    Gupta Rachna
    13 डिसेंबर 2017
    बहुत खूब कहा है आपने जो लिखा पता नहीं क्यों मुझे भी अपनी स्वेच्छा से अपना जीवन यापन करने का प्रयास करना चाहिए और क्या नहीं हो सकता है लेकिन काफी हद तकसही कायदे से अपना काम करने में भी मुझे बहुत अच्छा लगता है
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    Ok Rinku Jaanu
    14 फेब्रुवारी 2017
    अच्छी सीख मिली
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    Om Sai Play School
    22 एप्रिल 2020
    बिल्कुल सही बात है।आज़ादी का अर्थ ये नही है कि हम कुछ भी करे । हर आज़ादी के साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी रहती है