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मेरी कविता मेरे गीत

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मेरी कविता मेरे गीत, जब मंचों से गाये जाते हैं। सुन कर उन कविता गीतों को, लोग झूम झूम जाते हैं।। तालियां जब उन पर बजती हैं, गाने वाला खुस हो जाता हैं। देख कर उसके चहरे की खुसी, मुझे सुकुन मिल जाता ...

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लेखक के बारे में

नाम: गिरधारी लाल चतुर्वेदी जन्म स्थान : मथुरा व्यवसाय :नोकरी विभाग : एकाउन्ट फाईनेन्स असिस्टेंट मेनेजर भुगतान विभाग संसथान: मनीपाल होस्पीटल आदतॆ: कृकेट खेलना , बचपन से कविता, व व्यंग लेखन, सामाजिक व राजनेतिक चिंतन ।

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