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मेरी अनोखी कहानी

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मेरी शुरुआत ही अंधरे से हुई थी।और उजियारा आता चला गया और मै चलता चला गया। बचपन मै तो कठिनाइया बहुत थी मैं सहन करता चला गया। टूटा भी बहुत जुड़ा भी बहुत हार नहीं मानी चलता गया। जीता भी बहुत और ...