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मेरे पापा

4.5
5345

आज दोपहर से ही मन बहुत उदास था | किसी काम में मन ही नहीं लग रहा था | मन में कुछ अलग सी बेचैनी थी, पर घर के काम तो पुरे करने ही थे | दोपहर से रात होने आयी थी पर मन अभी भी अशांत ही था |रात ११ बजे ...

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समीक्षा
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  • author
    Miss Baliyan
    27 ஜூலை 2020
    Ji jrur, aise hi hote h papa jo apne sw jyada baccho ka dhyan rakhte h. papa ki kmi kya hoti h ye hmse accha kon jan skta h
  • author
    indu sharma
    21 செப்டம்பர் 2019
    बहुत अच्छी कहानी पापा तो बेटियों के लिये बहुत कुछ होते है हरदम परवाह करते है। सब के पापा स्वस्थ होने चाहिये miss you Papa
  • author
    Saraswati Mishra
    12 ஜூலை 2019
    बहुत ही अच्छी कहानी, अच्छे कर्म करने बाले को ही कष्ट होता है, कर्म करना मेरे हाथ मे है पर भाग्य के लेख को भोगना ही पड़ता है
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    Miss Baliyan
    27 ஜூலை 2020
    Ji jrur, aise hi hote h papa jo apne sw jyada baccho ka dhyan rakhte h. papa ki kmi kya hoti h ye hmse accha kon jan skta h
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    indu sharma
    21 செப்டம்பர் 2019
    बहुत अच्छी कहानी पापा तो बेटियों के लिये बहुत कुछ होते है हरदम परवाह करते है। सब के पापा स्वस्थ होने चाहिये miss you Papa
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    Saraswati Mishra
    12 ஜூலை 2019
    बहुत ही अच्छी कहानी, अच्छे कर्म करने बाले को ही कष्ट होता है, कर्म करना मेरे हाथ मे है पर भाग्य के लेख को भोगना ही पड़ता है