क्या कहे हम उनकी हर बात निराली उन पर जाये दिल सौ सौ बार बलिहारी वो जो उठाये पलके तो दिन खिल जाये बंद करे आँखे तो हो जाये रात अंधियारी चाहता दिल उनको मेरा इस कदर पागल भूल कर खुद को खो गया उनमे पल ...
क्या कहे हम उनकी हर बात निराली उन पर जाये दिल सौ सौ बार बलिहारी वो जो उठाये पलके तो दिन खिल जाये बंद करे आँखे तो हो जाये रात अंधियारी चाहता दिल उनको मेरा इस कदर पागल भूल कर खुद को खो गया उनमे पल ...