एक दिन प्रभु मेरे स्वप्न में साक्षात पधारे मैंने निद्रा में ही खोले अपने नेत्र, और उठ कर उनके चरण पखारे। उन्होंने फिर बड़े प्रेम से मेरे सिर पर अपना हाथ रख दिया, फिर बोले ,बेटी आज तुमने मुझे ...
एक दिन प्रभु मेरे स्वप्न में साक्षात पधारे मैंने निद्रा में ही खोले अपने नेत्र, और उठ कर उनके चरण पखारे। उन्होंने फिर बड़े प्रेम से मेरे सिर पर अपना हाथ रख दिया, फिर बोले ,बेटी आज तुमने मुझे ...