चार दिन की जिंदगी अब गुजर गई मौत काटा बन के चूभे दिल मे जब समय पूरा हुआ तो जिंदगी ही मर गयी चलना जिसने मूझे सिखाया अंगूली पकड़ के क्यो छोड़ के चले एक छड़ मे कभी भी ना मिलेंगे वादा ऐसा ना किया था दिल ...
चार दिन की जिंदगी अब गुजर गई मौत काटा बन के चूभे दिल मे जब समय पूरा हुआ तो जिंदगी ही मर गयी चलना जिसने मूझे सिखाया अंगूली पकड़ के क्यो छोड़ के चले एक छड़ मे कभी भी ना मिलेंगे वादा ऐसा ना किया था दिल ...