pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मेहनतकश मजदूर

1

वह बरसात में भीगा हुआ घर पहुंचा था बरसात तो बंद हो चुकी थी पर घर के बाहर दरिया बह रही थी घर में कदम रखा तो छत पर भरा बरसात का पानी रिस कर फर्श पर टपक (चू) रहा था फर्श को गीला होने से बचाने के ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Dilawar Singh
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है