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मेडिटेशन फॉर “पीस ऑफ माइंड”

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ओशो कहते हैं "हमारा दिमाग एक सामाजिक घटना है "! और वह ऐसा क्यों मानते हैं लिए समझते हैं। क्या आप अकेले में गुस्स हो सकते हैं ?शायद हां ! लेकिन आप यह भी जानते हैं कि अगर आप अकेले में गुस्सा करेंगे ...