है दुनिया ये मायावी नगरी सब कुछ मायावी लगता है उगते है कैसे चांद सितारे सूरज कैसे निकलता है।। कैसे करता छल कपट इंसान कैसे धोखेबाजी करता है दुखाकर दिल औरों का सुकून से कैसे सो लेता है।। है दुनिया ये ...
है दुनिया ये मायावी नगरी सब कुछ मायावी लगता है उगते है कैसे चांद सितारे सूरज कैसे निकलता है।। कैसे करता छल कपट इंसान कैसे धोखेबाजी करता है दुखाकर दिल औरों का सुकून से कैसे सो लेता है।। है दुनिया ये ...