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माया मिली न राम

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हासिल उसको ही हुआ, जिसने किया तलाश। मेहनत से मुमकिन हुआ, पतझड़ में मधुमास।। पत्थर भी पिघले वहाँ, जहाँ प्रेम की आग। जला न जो इस अगिन में, उसके फूटे भाग।। नीरस हैं वे सब हृदय, जगी न जिनमें प्रीत। उनको ...