pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शायद प्यार इसे नहीं कहते !

5
16

शायद प्यार इसे नहीं कहते !

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Vishvesh Vyas

તારા વિરહ માં નિ:સાસા નાખતું ઉદ્દગાર છું ! છતાંય પ્રેમ ને પામ્યાં નું પૂર્ણવિરામ છું...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है