जीवन के बाद शुरू होता है मौत का सफर। रिश्ते, नाते, कसमे वादे सब होते है बेअसर। जीते जी जो न मिलती अपनो की शाबासी। मृत्यु के बाद नसीब होती वाह वाही। धरि रह जाती सारी उम्र की कमाई। जीवन चार घड़ी का ...
जीवन के बाद शुरू होता है मौत का सफर। रिश्ते, नाते, कसमे वादे सब होते है बेअसर। जीते जी जो न मिलती अपनो की शाबासी। मृत्यु के बाद नसीब होती वाह वाही। धरि रह जाती सारी उम्र की कमाई। जीवन चार घड़ी का ...