यह कहानी 1930 के दशक के समाज की कहानी है, जब समाज में रेल और संसाधनों का अभाव था, मथुरा में बोले जाने वाली कहावत मथुरा की लड़की और गोकुल की गाय कर्म फूटे तो अंत जाएं पर आधारित यह रचना समाज में ...
कुछ कहानियां है, जो विरासत में मिली है. कुछ तजुर्बे है जो जिंदगानी में मिले हैं, बस उन्हें सुनाने आया हूं
सारांश
कुछ कहानियां है, जो विरासत में मिली है. कुछ तजुर्बे है जो जिंदगानी में मिले हैं, बस उन्हें सुनाने आया हूं
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बधाई हो! मथुरा की लड़की और गोकुल की गाय कर्म फूटे तो अंत ही जाएं (1930 के दशक की कहानी) प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।