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मर्द की परिभाषा

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मर्द हो तुम तो मर्यादित रहो ना खुद के चरित्र को महान बनाने के लिए औरत के चरित्र को नीचे न गिराओ खुद की वासना भरी निगाहों   को छिपाने के लिए उसके कपड़ों को दोष न ठहराओ मर्द हो तुम तो मर्यादित रहो ना। ...

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Divi Upadhyay
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