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मंज़िल

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4.6

और उस दिन हमारे रास्ते जुदा हो गए.., ज़ब तुमने कहा की हम चाह कर भी साथ नहीं रह सकते | दिल ने तो चाहा था की तुम ना जाओ मगर तुम फैसला कर चुके थे, काश तुममें हिम्मत होती काश की तुम दुनिया और समाज के डर ...