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"मनसा, वाचा, कर्मना"

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"मनसा, वाचा, कर्मना का सामंजस्यपूर्ण संरेखण, नैतिक और आध्यात्मिक जीवन की आधारशिला है। जब मन शुद्ध और विचार अच्छे हो तो हमारे कार्य भी अच्छे होते हैं ,और यह हमारी वाणी और कार्यों में झलकता है। इसके ...

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