मन तो चंचल ही है, शांति कहां से लाऊं मैं, जीवन जीने की खातिर,, अशांति कैसे मिटाऊं मैं,,, चारों तरफ मची है हाय,, संतुष्टि कैसे दिलाऊं मैं,, अज्ञानी है मन मेरा,, उसे ज्ञान कैसे दिलाऊं मैं,, चंचल ...
मन तो चंचल ही है, शांति कहां से लाऊं मैं, जीवन जीने की खातिर,, अशांति कैसे मिटाऊं मैं,,, चारों तरफ मची है हाय,, संतुष्टि कैसे दिलाऊं मैं,, अज्ञानी है मन मेरा,, उसे ज्ञान कैसे दिलाऊं मैं,, चंचल ...