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माँ मुझे निस्सीमता दो

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माँ मुझे निस्सीमता दो नील नभ कर दो काल दिशि निरपेक्ष चिंतन हो यही वर दो   वैष्णवी विश्वास अक्षय ही रहें मति दो पग न हारें पंथ भर ये वह अजय गति दो उर्ध्वरेता कर मनस को ज्योति से भर दो   तोड़ दो सब ...

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