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मन-भेद और मत-भेद में अंतर!

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मन-भेद और मत-भेद में अंतर! —----------------------------- सबकी सीमा एक जैसी हो,इसकी कोई गारन्टी नहिं। सीमा के अंतर्गत एक विशेष प्रकार की क्षमता रहती है। एक लचक ही है जो गुंजाइश बना सकती है। वह मन ...

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Tilak Raj Vashisht

अक्सर मुझे अचानक विषय मिल जाते हैं। उसी वक्त मेरी कलम स्वत: चल पड़ती है। यदि किसी कारण वश मुझ से देर हो जाये तो उस समय का प्रसाद पुन: नहिं मिल पाता!

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