एक मेजर के नेतृत्व में.... पंद्रह जवानों की टुकड़ी.... हिमालय के रास्ते पर आगे बढ़ रही थी.... बेतहाशा ठंड में चाय की ... सबको बड़ी तलब लग रही थी... तभी एक टूटी फूटी छोटी सी टपरी दिखी.... जिसमें ताला ...
एक मेजर के नेतृत्व में.... पंद्रह जवानों की टुकड़ी.... हिमालय के रास्ते पर आगे बढ़ रही थी.... बेतहाशा ठंड में चाय की ... सबको बड़ी तलब लग रही थी... तभी एक टूटी फूटी छोटी सी टपरी दिखी.... जिसमें ताला ...