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मैं दामिनी, मैं कामिनी

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मैं कामिनी, मैं दामिनी पर हूं जरा अभिमानिनी सृष्टि का एक भाव हूं प्रकृति का अनुभाव हूं सृष्टि का एक राग हूं नवसृजन की आस हूं मैं जगत की चेतना मैं ही तो हूं संवेदना हूं कवि की कल्पना या धरा की अल्पना ...