अब हम से ये सब न संभाला जाएगा प्रेम को कहो घृणा पे कैसे वारा जाएगा आदम के ही हाथों मरते हुए आदम को बोलो आंख मूंद हमसे कैसे देखाजाएगा मैं भी हूं अगर राणा की ही वंशज तो क्या शीश दुष्टों का क्या हमसे न ...
मैं एक आम और साधारण गृहणी हूँ, साथ ही पढ़ने का शौक़ है जिस की वजह से थोड़ा बहुत लिख भी लेती हूँ।
देखते हैं आप लोगों के मन तक पहुँचने की राह बना पाती हूँ या नहीं ...
"मिलेंगे हम तुम तो रिश्ता नया कायम होगा
शब्दों के दरीचे में रौशन सवेरा कायम होगा"
...जय हो
ईमेल आइड
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सारांश
मैं एक आम और साधारण गृहणी हूँ, साथ ही पढ़ने का शौक़ है जिस की वजह से थोड़ा बहुत लिख भी लेती हूँ।
देखते हैं आप लोगों के मन तक पहुँचने की राह बना पाती हूँ या नहीं ...
"मिलेंगे हम तुम तो रिश्ता नया कायम होगा
शब्दों के दरीचे में रौशन सवेरा कायम होगा"
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