जब कभी मै तन्हा होता हूं , मन के झरोखे से फौरन , सामने उतर आती हो तुम । क्यों किस अधिकार से , जेहन मे कब्जा जमाये हो, हर वक्त याद आती हो तुम । कभी कभी तो ऐसा होता है , ,कि बावला बन सोचता हूं , सब ...
जब कभी मै तन्हा होता हूं , मन के झरोखे से फौरन , सामने उतर आती हो तुम । क्यों किस अधिकार से , जेहन मे कब्जा जमाये हो, हर वक्त याद आती हो तुम । कभी कभी तो ऐसा होता है , ,कि बावला बन सोचता हूं , सब ...