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मै अचम्भित देखता हूँ

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मै अचम्भित देखता हूँ  कौन प्राची के छितिज से आ रहा है गीत गाता, मैं अचम्भित देखता हूँ प्रीतिकर मुझको सुहाता। वेदनाएं बर्फ जैसे उष्णता से गल रही हैं, या कि जैसे हार कर ये हाथ अपने मल ...

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Kalpnesh Baba
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