कथा पौराणिक है अति सुन्दर आध्यात्मिक स्पंदन की मंगल समागम करने हेतु मोक्ष को धारण करने की घटना घटी थी कुछ ऐसी जब देवलोक को श्राप मिला असुरो की सेना से हार इंद्रलोक हाथ से फिसल निकला त्राही-माम, ...
नमष्कार प्रतिलिपि, मैं लखनऊ निवासित हूँ, एक दवा कंपनी मैं जोनल मेनेजर के पद पर हूँ, बचपन से ही लिखने का चलन हुआ, हिंदुस्तान अख़बार व राष्ट्रधर्म जैसी संस्था में मेरे लेखन प्रकाशित हुए है, गर्व है भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषी होने पर.
प्रतिलिपि जैसी सार्थक मंच को प्रणाम, अभिनन्दन स्वागत और आशीर्वाद के लिए..
आपका अभिषेक गौरव
सारांश
नमष्कार प्रतिलिपि, मैं लखनऊ निवासित हूँ, एक दवा कंपनी मैं जोनल मेनेजर के पद पर हूँ, बचपन से ही लिखने का चलन हुआ, हिंदुस्तान अख़बार व राष्ट्रधर्म जैसी संस्था में मेरे लेखन प्रकाशित हुए है, गर्व है भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषी होने पर.
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