गाथा है उस महावीर का जो था महादानी, हर रण में था सो महारथियों पर भारी । मित्रता को धर्म मानकर कौरवों के दल में रेहेता था , पर सोचो बह केसे पश्चाताप की अग्नि में जलता था । जात से था वो क्षत्रीय ...
गाथा है उस महावीर का जो था महादानी, हर रण में था सो महारथियों पर भारी । मित्रता को धर्म मानकर कौरवों के दल में रेहेता था , पर सोचो बह केसे पश्चाताप की अग्नि में जलता था । जात से था वो क्षत्रीय ...