माना जलना ही जीवन ही जीवन है और जीने का वरदान मिला है और जाने किस क्षण बुझ जाऊ दूर अमिट अवसान खिला है मेरे मांझी एक बार वार फिर मेरी यह नैया तो खेले मैं पूजा का शुद्र दीप हूं मेरी मौन आरती तो ले ले । 10वरष की उम्र में ओमप्रकाश शर्मा जी का जासूसी नावेल काली ऊंटनी पढ़ा इसके बाद इब्ने सफी, कर्नल रंजीत,अगाधा क्रिस्टी,शारलक होम्स, जेम्स हेडली के साथ ही सम सामयिक बाल पत्रिकाएं बालक, चंदामामा, नन्दन,पराग, बाल भारती, विज्ञान पत्रिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग,मनोहर कहानियां, नवनीत, कादंबरी, रीडर डाइजेस्ट पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सेकेंडरी स्कूल में पत्रिका विज्ञान ज्योति का संपादन 18वरष की उम्र में किया विज्ञान स्नातक के साथ साथ हिंदी अंग्रेजी टंकण, हिंदी शार्ट हेंड़, और कलकत्ता से बी एच एम एस, डिप्लोमा बायोकेमिक मेडीसन प्राप्त किया। शासकीय स्नातक महाविद्यालय ( उच्च शिक्षा विभाग) में मुख्य लिपिक पद से वर्ष 2018में सेवानिवृत्त सेवावधि में विभिन्न महाविद्यालयों में पत्रिका संपादक मंडल में संयोजक रहा 1976से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कविता, ग़ज़ल, लघुकथा लिखता रहा हूं। सेवावधि में लेखनी को विराम देते हुए सेवानिवृत्त होने के उपरांत पुनः लेखन आरंभ किया है।