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' मधुरिमा '

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दस वर्षीय मधुरिमा ने छत से आज पुनः अपनी मां को चूल्हे की वजह से खांसते पाया, उसके छोटे भाई बहन वहीं बाग में खेल रहे थे लेकिन मधुरिमा को अपनी मां के भव्य मायके के दृश्य याद आते हैं। नहीं! उसके नाना ...

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Richa

यकीन है एक वयस्क मन व बाल हृदय का: ज़रूरी नहीं हर कदम तय हो जिंदगी का, गर डगर में सीख मिले तो चार कदम फिज़ूल भी सही! मेरी गुंजिता के श्रोता बनने के लिए धन्यवाद🙏

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